सभी मेरे प्रिय भाई बहनों को जय मसीह कि
इन वचनों के द्वारा परमेश्वर आपको आशिषीत करें,
आमने।
(Sharing the Gospel ministry)
आप सभी का स्वागत करते हैं।
यह बाईबल वचन आधारित फोटो गैलरी आपके लिए फ्री में उपलब्ध हैं। ( High quality Bible verses images without logo )
1. परमेश्वर की भेड़े उसकी सुनती है।
मेरी भेड़े मेरा शब्द सुनती है, और मैं उन्हें जानता हूंँ और वे मेरे पीछे-पीछे चलती है।
क्या हम परमेश्वर को जानते हैं? अगर हम परमेश्वर को नहीं जानते तो उनकी आवाज को भी हम नहीं पहचान सकेंगे। अगर हम परमेश्वर के भेड़ हैं तो उसकी आवाज को भी सुनेंगे और उसके पीछे हो भी लेंगे। क्योंकि भेड़ो को भी पता रहता है कि यह हमारा चरवाहा है और उसके शब्द को सुनकर वह पहचान लेते हैं। और उसके पीछे हो लेते हैं।
यह वचन हमें एक चरवाहा और उसके भेड़ों के बारे में बताता है। हम परमेश्वर के भेड़े हैं और वह हमारा चरवाहा है;
वह हमारा सच्चा चरवाहा है और अपने भेड़ों के लिए जान भी देता है। इसलिए यीशु ने कहा, सच्चा चरवाहा में हूंँ मैं उन्हें जानता हूंँ और वह मेरा शब्द सुनती हैं।
2. जो सच्चाई से और खराई से चलते हैं उनके लिए वह ढाल ठहरता है।
वह सीधे लोगों के लिए खरी बुद्धि रख छोड़ता है; जो खराई से चलते है उनके लिए वह ढाल ठहरता है।
नीतिवचन 2:7
परमेश्वर से बुद्धि प्राप्त करने के लिए हमें उनके वचन के अनुसार जीवन जीना होगा। अगर हम कैसे भी जीवन जिएं ओर परमेश्वर से खरी बुद्धि प्राप्त करने को प्रयास करें तो हमें यह बुद्धि प्राप्त नहीं होगी। अगर हमें परमेश्वर का डर है, उसके मार्ग में चलते है और उसके वचनों को मानते है। जो परमेश्वर की इच्छा के अनुसार चलता है, परमेश्वर उसको बुद्धि से भर देता है।
क्योंकि बुद्धि यहोवा ही देता है;
ज्ञान और समझ की बातें उसी के मुँह से निकलती हैं।
- नीतिवचन 2:6
3. फिर तुम कभी प्यासे नहीं होंगे।
यशायाह 12:3
फिर उसने मुझसे कहा, “ये बातें पूरी हो गई हैं। मैं अल्फा और ओमेगा, आदि और अन्त हूँ। मैं प्यासे को जीवन के जल के सोते में से सेंत-मेंत पिलाऊँगा। जो जय पाए, वही उन वस्तुओं का वारिस होगा; और मैं उसका परमेश्वर होऊँगा, और वह मेरा पुत्र होगा। ”
प्रकाशितवाक्य 21:6-7
4. जो परमेश्वर का भय मानता है
वह परमेश्वर से बुद्धि प्राप्त करता है
नीतिवचन 2:5
परमेश्वर के भय मानने से हमें
ज्ञान प्राप्त होता है। उसकी बुद्धि को हमें दिल से खोजना है तब हम प्राप्त कर सकेंगे। हमने सीखा है बुद्धि और समझ की बातें परमेश्वर के मुंँह से निकलती है। इसलिए हमें उस बुद्धि की खोज करना चाहिए जो परमेश्वर ने हमें देने का वायदा किया है।
5. यीशु मसीह हमारी जीवन कि रोटी है।
‘हमारी दिन भर की रोटी आज हमें दे।
- मत्ती 6.11
इस संसार में हर एक मनुष्य रोटी के बिना
जिंदा नहीं रह सकता। जिंदगी जीने के लिए हर एक मनुष्य को रोटी की आवश्यकता है। इंसान को रोटी के बिना जिंदा रहना मुश्किल है, रोटी के लिए दिन-रात मेहनत करना पड़ता है। क्योंकि हर दिन के लिए मनुष्य को रोटी की आवश्यकता है। यह हम शारीरिक भजन/रोटी के बारे में बात कर रहे हैं। ये रोटी खाने से हम तृप्त नहीं हो सकते लेकिन एक ऐसी भी रोटी है वो खाने से हमें कभी भी भुख नहीं लगेगी। वो रोटी जीवन कि रोटी यीशु मसीह है। यीशु ने कहा, जीवन की रोटी जो स्वर्ग से उतरी मैं हूँ। यदि कोई इस रोटी में से खाए, तो सर्वदा जीवित रहेगा; और जो रोटी मैं जगत के जीवन के लिये दूँगा, वह मेरा माँस है। (यूहन्ना 6:51)
6. पवित्र आत्मा का आवाज हमें सुनना है।
( इब्रानियों 3:7-8 )
तू हियाव बांँध और दृढ़ हो, उनसे न डर और न भयभीत हो; क्योंकि तेरे संग चलनेवाला तेरा परमेश्वर यहोवा है; वह तुझको धोखा न देगा और न छोड़ेगा। ( व्यवस्था विवरण 31:6 )
7. परमेश्वर का वचन हमें यह समझ देता है
कि हम उसके विरुद्ध पाप न करें।
(भजन संहिता 119:11)
8. डरो मत, क्योंकि मैं तेरे साथ हूँ।
इन वचनों के ज़रिए परमेश्वर आप सभी को अशिषित करें। आमीन।








