प्रेरणादायक बाइबल आयते । हिन्दी बाइबल वचन फोटो ।

Paul Mavchi
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                प्रेरणादायक बाइबल आयते

बाइबल कि यह आयते जो आपके विश्वास को प्रेरित और मजबूत करेगी। ये प्रेरणादायक बाइबल आयते पवित्र आत्मा कि सहायता से लिखी गई हैं, और यह हर एक आयते आपके आत्मा को ऊपर उठाएंगे। हर प्रकार के सन्देह, चिन्ता और डर के समय में आपको उम्मीद देंगे। 

इन प्रेरणादायक बाइबल कि आयतो की सूची रखने से आपका दिल और दिमाग मजबूत हो सकता है, यह बाइबल प्रेरित आयते आपको हर परिस्थिति में मदद कर सकते है। 

     चाहे आप प्रेरणा, प्रोत्साहन, आश्वासन, आनंद, शान्ति, प्रेम की तलाश मे हो तो यह पवित्र बाइबल वचन आपके उम्मीद ओर विश्वास को बढ़ाएंगे। और यह बाइबल की आयते हर दिन आपके जीवन में पहला संसाधन होना चाहिए जिसकी ओर आप मुड़े है। 

        यह बाईबल के छंद आपके उम्मीदो को जिन्दा करेंगे, और आपके जीवन को बदल देगी। 

  चाहे आप परमेश्वर के बारे में अधिक जानना चाहते हो या वर्षो से यीशु के अनुयायी रहे हो, नीचे दिए गए प्रेरणादायक बाइबल छंदो का संग्रह आपको परमेश्वर के वादों पर भरोसा करने में मदद कर सकता हैं। चाहे आप कैसे भी परिस्थिति का सामना क्यू ना करें, वह तुम्हे समृद्ध करना चाहता है। आशा ओर भविष्य देना चाहता है। 

    परमेश्वर आप सबको आशीषित करें। 


          प्रेरणादायक बाइबल छंद


    1. आपका भविष्य खुदा के हाथ में हैं। 


क्योंकि यहोवा की यह वाणी है, कि जो कल्पनाएँ मैं तुम्हारे विषय करता हूंँ उन्हें मैं जानता हूंँ, वे हानि की नहीं, वरन् कुशल ही की है, और अन्त में तुम्हारी आशा पूरी करूंँगा।

      - यिर्मयाह 29: 11

बहत बार हम अपने भविष्य के लिए चिंतित रहते हैं , पर क्या हम जानते है जिस परमेश्वर ने हमे रचा है उसको हमारे भविष्य के बारे चिन्ता है? प्रियों, यीशु मसीह हमारे भविष्य के लिए इस संसार में आए, उसने हमारा सारा बोझ उसके उपर ले लिया है। पापों का बोझ हो या हमारा भविष्य का बोझ हो सबकुछ उसने अपने उपर ले लिया ताकि हम शान्ति, आनन्द और प्रेम से अपना जीवन गुजारे। और उसकी महिमा आत्मा और सच्चाई से करे। यही परमेश्वर की इच्छा है। 

     हमारे भविष्य के चिन्ता करते हुए अपने आप को रोक नहीं सकते लेकीन हमारे लिए एक भविष्य है (यीशु मसीह) वो हमारे बारे मे चिंता करता है। सिर्फ हमे धीरज रखना है और उस आशा की बाट जोहते रहना है जिसके लिए परमेश्वर ने उसके योजना के अनुसार हमे बनाया है। 


          2) खुद की बुद्धि, ज्ञान और समझ 

                 का उपयोग नहीं करना ।



                 तू अपनी समझ का सहारा न लेना,

            वरन् सम्पूर्ण मन से यहोवा पर भरोसा रखना।

                     - नीतिवचन 3:5

कभी कभी हम अपने भविष्य के लिए या अपने जीवन काल में खुद ही फैसला करते हैं, हम अपने बुद्धि, ज्ञान और समझ का सहारा लेते हैं। लेकीन हमारे खुद का फैसला कामयाब नहि होगा। इसलिए जिसने हमे बनाया है उसके और देखना है, हमारे सम्पूर्ण मन से उसपर भरोसा रखना है क्युकी हम कही फस न जाए। 



          3. हर एक काम से पहले पहला स्थान 

                        परमेश्वर को देना



                 उसी को स्मरण करके सब काम करना, 

                 तब वह तेरे लिए सीधा मार्ग निकलेगा। 

                            - नीतिवचन 3:6

 जब हम खुद समझ का सहारा लेंगे तो हमारा फसने का संभावना है। लेकीन जब हम सम्पूर्ण मन से यहोवा पर भरोसा रखेंगे ओर सब काम उसीको स्मरण करके करेंगे तो वह हमारे लिए सीधा मार्ग निकलेगा। हर हमे सफलता ही सफलता मिलेगी। 


           4. कभी हार नहीं मानना उसकी दया महान है। 



           हम मिट नहीं गए; यह यहोवा की महाकरुणा का

                 फल है, क्योंकि उसकी दया अमर है 

                              विलापगीत 3:22 

 मानवी जीवन में अलग अलग प्रकार का बोझ, दबाव, दुःख और चिंताएं रहती है। इस मुसाफरी जीवन में रास्ता आसान भी आएगा और कठिनाई भी आएगी, लेकिन हमे हार नहीं मानना है। हम मिट नहीं गए, हम पर परमेश्वर की बड़ी करुणा है उसने हमसे बहोत प्यार किया है। और उसकी दया अभी से लेकर अनन्तकाल तक रहेगी। 


                5. परमेश्वर प्रेम है उसकी दया अपार है 

                        वह हर दिन हमे मिलती हैं। 



        प्रति भर वह नई होती रहती है; तेरी सच्चाई महान है। 
                      -विलापगीत 3:23

  हमारा परमेश्वर करुणामय परमेश्वर है। वह हम पर उसका प्यार प्रगट करता है, इस संसार का प्यार झूठा वादा कर सकता हैं। पर हमारा यीशु मसीह का प्यार सच्चा हैं ओर कभी भी झूठा वादा कर सकता। उसका प्यार हमारे जीवन में प्रति दिन नया और अति महान ओर सच्चा हैं । 

      

               6.  चखकर मैने जाना है यहोवा कैसा है भला।

    

               परखकर देखो कि यहोवा कैसा भला है! 

          क्या ही धन्य है वह पुरुष जो उसकी शरण लेता है। 

                        - भजन संहिता 34:8


 दाविद परमेश्वर का दास था उसने यहोवा परमेश्वर पर विश्वास किया । और खुद उसने चखा की परमेश्वर कितना भला है, कभी कभी हम इन्सान पर हद से ज्यादा भरोसा करते है। लेकिन वह भरोसा कायम नहीं रहता। इन्सान बदल जाता हैं लेकिन यीशु मसीह कभी नहीं बदलता, वह आज कल और युगानयुग अकसा है । वह वायदों को पुरा करनेवाला परमेश्वर है। इसलिए आओ परखकर देखो यहोवा कैसा भला है। 


                  7. डरना नहीं आगे ही बढ़ते जाओ

                      क्योंकि परमेश्वर आपके साथ है। 


मत डर, क्योंकि मैं तेरे संग हूंँ, इधर-उधर मत ताक, क्योंकि मैं तेरा परमेश्वर हूंँ; मैं तुझे दृढ़ करूंँगा और तेरी सहायता करूंँगा अपने धर्ममय दाहिने हाथ से मैं तुझे सम्भाले रहूंँगा। 

    - यशायाह 41:10

 हर दिन हमारा परमेश्वर हमारे संग संग रहता हैं। वह हमारे साथ साथ चलता है। 

     एक छोटा बच्चा जब उसको चलना नही आता तब पिता उसको हात पकड़कर चलता है, क्योंकि वह गिर न जाए । अगर पिता बच्चे छोड़ दें तो चट्ट लग सकती है। इसलिए उसको संभालना पड़ता है। वैसे ही आप कैसी भी परिस्थिति में क्यू ना हो परमेश्वर आपको कभी अकेला नही चढ़ेगा। वह आपको हाथ पकड़कर चलाएगा। और संभालेगा।


                  8. मैं अकेला कुछ नहीं कर सकता हूं।


        जो मुझे सामर्थ्य देता है उसमें मैं सब कुछ कर सकता हूँ।

                                 फिलिप्पियों 4:13 

इन्सान के लिये असंभव है लेकिन परमेश्वर के लिये सबकुछ सम्भव है।  हा, हम कर सकते है लेकिन बीना परमेश्वर के सहायता से कुछ भी नही कर सकते। कितनी भी आंधी क्यू ना हो, या कठिनाई क्यू ना हो अगर परमेश्वर का सामर्थ्य आप में है तो सब कुछ कर सकते है। 


            9. हमे आत्मिक मनुष्यत्व में नए होते जाना है 


इसलिए हम हियाव नहीं छोड़ते; यद्यपि हमारा बाहरी मनुष्यत्व नष्ट होता जाता है, तौभी हमारा भीतरी मनुष्यत्व दिन प्रतिदिन नया होता जाता है।

    - 2 कूरिन्थियों 4:16


पौलुस कहता है, में मसीह के साथ क्रूस पर चढ़ाया गया हूंँ,  और अब मैं जीवित न रहा, पर मसीह मुझ में जीवित हैं : और मैं शरीर में अब जो जीवित हूँ तो केवल उस विश्वास से जीवित हूँ

 जो परमेश्वर के पुत्र पर है, जिसने मुझसे प्रेम किया, और मेरे लिए अपने आप को दे दिया। उसने शरीर के कामों से प्यार नहीं किया बल्कि उनको त्याग दिया और मसीह में प्रति दिन नया होता गया। इसलिए हमे शरीर के कामों को त्यागकर आत्मिक कामों में आगे बढ़ना है। 

      आमेंन।   


 GOD BLESS YOU ALL






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