# प्रेरणादायक कहानी के साथ बाईबल वचन फोटो #
जब हमारी मुसीबतें बढ़ती है उसके साथ दर्द भी बढ़ता है, ऐसी परिस्थिति में लोगों को अकेलापन महसूस होता है, चारो तरफ अंधेरा दिखने लगता है, ओर ऐसे परिस्थितियो में परमेश्वर पर विश्वास करनेवाले को कभी कभी लगता है कि उन्हें अकेले लड़ाई लड़ने के लिए छोड़ दिया है। और हार मान जाते हैं। और ऐसे कठिनाइयों में से गुजरते समय ऐसे लग सकता हैं मानो किसी को परवाह नहीं है। लेकिन वचनों के द्वारा परमेश्वर हमें विश्वास दिलाता है कि वह विश्वास योग्य परमेश्वर है। हम कैसे भी परिस्थितियों में क्यों ना हो। चाहे हम विजयी हो या असफल हो। कठिनाइयों के सबसे तीव्र क्षणों में हम मानवीय सहायता से लगभग परे हो सकते है।
लेकिन हम ऐसे मुश्किल परिस्थितियों में भी परमेश्वर के वचनों के द्वारा सांत्वना पा सकते हैं और प्रोत्साहित हो सकते हैं कि परमेश्वर हमारा ध्यान और परवाह रखता है। परमेश्वर के जीवित वचनों में कहां गया है कि वह हमारी परवाह करता है वह हमारे देखभाल करता है। हम दर्द में हो तो भी वह हमारे साथ रहता है और ऐसी परिस्थितियों में से निकालने के लिए परमेश्वर विश्वास योग्य है। हमें उस पर यकीन और विश्वास करना है।
वह आपकी परवाह करता है,
वह आपकी परवाह करता है,
धूप हो या छाया हो,
दिन हो या रात हो,
सुख हो या दुख हो,
वह आपकी परवाह करता है।
1) अपना बोझ यहोवा पर डाल दे वह तुझे संभालेगा; वह धर्मी को कभी टलने न देगा।
भजन संहिता 55:22
इस संसार में हर एक इंसान अपने जीवन में अलग-अलग परिस्थितियों में से गुजरता है। कोई कोई दुख दर्द में अपना जीवन जीता है। बहोत सारे लोग अलग अलग प्रकार के बोझ से दबे हुए रहते हैं। और इनमें से निकलने के लिए कोई भी रास्ता नहीं दिखाई देता। ऐसी परिस्थितियों में हमारे लिए एक जीवित आशा है। उसका नाम यीशु मसीह है। वह हमें बुला रहा है। हमारा बोझ यहोवा पर डाल देना है। वह इन्कार नहीं करेगा परंतु हमें बोझ से आजाद करेगा। और हमारी सारी चिन्ता ओर परिस्थिति को शांति और आनंद में बदल देगा। आमेन।
2) मैं तुम्हें अनाथ न छोडूँगा, मैं तुम्हारे पास वापस आता हूँ।
यूहन्ना 14:18
बहुत बार ऐसा होता है जब हम इस दुनिया की ओर देखते हैं। हमें अलग-अलग बातें सुनने में आती है कि पिता अपने बच्चों को छोड़कर चला गया है या माता अपने बच्चों को छोड़कर चली गई है। अनाथ का मतलब यह होता है कि बिना माता-पिता के बच्चे। ऐसे कठिन परिस्थितियों में भी परमेश्वर हमें अनाथ नहीं छोड़ेगा। दूध पिलाने वाली माता भी अपने बच्चे को छोड़ देंगी लेकिन बाइबल बताती है यीशु मसीह हमें अनाथ कभी नहीं छोड़ेगा। हम अकेले नहीं हैं देखो वो हमारे पास आ रहा है।
3) धर्मी दुहाई देते हैं और यहोवा सुनता है, और उनको सब विपत्तियों से छुड़ाता है। (भजन संहिता 34:16 )
हम खुद हमारे परिस्थितियों को जानते हैं। कि हम किस परिस्थिति में है। बहुत बार हम उनमें से निकलने के लिए प्रयास करते हैं पर सफल नहीं होते और असफल हि प्राप्त होता है। लेकिन बाइबल वचन के अनुसार जब हम परमेश्वर से प्रार्थना करते हैं, दुहाई देते हैं वह हमारी सुनता है। ओर हमें सब विपत्तियों से छुड़ाता है। आमेन
4) अपनी सारी चिन्ता उसी पर डाल दो, क्योंकि उसको तुम्हारा ध्यान है। ( 1 पतरस 5:7 )
हम सब परमेश्वर की भेड़ें हैं और हमें परमेश्वर के वचन के अनुसार इस संसार में जीवन जीना है। उसके आज्ञाओं को पालन करना है। जब हम ऐसे करेंगे। तब परमेश्वर के शब्द को सुनेंगे उसके पास जायेंगे और वह हमें ग्रहण करेगा। क्योंकि वह हमें पहचान लेगा कि हम उसके बच्चे हैं। आमेन।