उसको तुम्हारा ध्यान है। प्रेरणादायक कहानी के साथ बाईबल वचन फोटो ।

Paul Mavchi
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   # प्रेरणादायक कहानी के साथ बाईबल वचन फोटो  #


 जब हमारी मुसीबतें बढ़ती है उसके साथ दर्द भी बढ़ता है, ऐसी परिस्थिति में लोगों को अकेलापन महसूस होता है, चारो तरफ अंधेरा दिखने लगता है, ओर ऐसे परिस्थितियो में परमेश्वर पर विश्वास करनेवाले को कभी कभी लगता है कि उन्हें अकेले लड़ाई लड़ने के लिए छोड़ दिया है। और हार मान जाते हैं। और ऐसे कठिनाइयों में से गुजरते समय ऐसे लग सकता हैं मानो किसी को परवाह नहीं है। लेकिन वचनों के द्वारा परमेश्वर हमें विश्वास दिलाता है कि वह विश्वास योग्य परमेश्वर है। हम कैसे भी परिस्थितियों में क्यों ना हो। चाहे हम विजयी हो या असफल हो। कठिनाइयों के सबसे तीव्र क्षणों में हम मानवीय सहायता से लगभग परे हो सकते है।

   लेकिन हम ऐसे मुश्किल परिस्थितियों में भी परमेश्वर के वचनों के द्वारा सांत्वना पा सकते हैं और प्रोत्साहित हो सकते हैं कि परमेश्वर हमारा ध्यान और परवाह रखता है। परमेश्वर के जीवित वचनों में कहां गया है कि वह हमारी परवाह करता है वह हमारे देखभाल करता है। हम दर्द में हो तो भी वह हमारे साथ रहता है और ऐसी परिस्थितियों में से निकालने के लिए परमेश्वर विश्वास योग्य है। हमें उस पर यकीन और विश्वास करना है। 


वह आपकी परवाह करता है,

वह आपकी परवाह करता है,

धूप हो या छाया हो,

दिन हो या रात हो,

सुख हो या दुख हो,

वह आपकी परवाह करता है। 



1) अपना बोझ यहोवा पर डाल दे वह तुझे संभालेगा; वह धर्मी को कभी टलने न देगा।

 भजन संहिता 55:22 



इस संसार में हर एक इंसान अपने जीवन में अलग-अलग परिस्थितियों में से गुजरता है। कोई कोई दुख दर्द में अपना जीवन जीता है। बहोत सारे लोग अलग अलग प्रकार के बोझ से दबे हुए रहते हैं। और इनमें से निकलने के लिए कोई भी रास्ता नहीं दिखाई देता। ऐसी परिस्थितियों में हमारे लिए एक जीवित आशा है। उसका नाम यीशु मसीह है। वह हमें बुला रहा है। हमारा बोझ यहोवा पर डाल देना है। वह इन्कार नहीं करेगा परंतु हमें बोझ से आजाद करेगा। और हमारी सारी चिन्ता ओर परिस्थिति को शांति और आनंद में बदल देगा। आमेन।


2) मैं तुम्हें अनाथ न छोडूँगा, मैं तुम्हारे पास वापस आता हूँ।

         यूहन्ना 14:18



 बहुत बार ऐसा होता है जब हम इस दुनिया की ओर देखते हैं। हमें अलग-अलग बातें सुनने में आती है कि पिता अपने बच्चों को छोड़कर चला गया है या माता अपने बच्चों को छोड़कर चली गई है। अनाथ का मतलब यह होता है कि बिना माता-पिता के बच्चे। ऐसे कठिन परिस्थितियों में भी परमेश्वर हमें अनाथ नहीं छोड़ेगा। दूध पिलाने वाली माता भी अपने बच्चे को छोड़ देंगी लेकिन बाइबल बताती है यीशु मसीह हमें अनाथ कभी नहीं छोड़ेगा। हम अकेले नहीं हैं देखो वो हमारे पास आ रहा है। 


3) धर्मी दुहाई देते हैं और यहोवा सुनता है, और उनको सब विपत्तियों से छुड़ाता है।    (भजन संहिता 34:16 )



  

हम खुद हमारे परिस्थितियों को जानते हैं। कि हम किस परिस्थिति में है। बहुत बार हम उनमें से निकलने के लिए प्रयास करते हैं पर सफल नहीं होते और असफल हि प्राप्त होता है। लेकिन बाइबल वचन के अनुसार जब हम परमेश्वर से प्रार्थना करते हैं, दुहाई देते हैं वह हमारी सुनता है। ओर हमें सब विपत्तियों से छुड़ाता है। आमेन 



4)  अपनी सारी चिन्ता उसी पर डाल दो, क्योंकि उसको तुम्हारा ध्यान है।  ( 1 पतरस 5:7 )



 कभी कभी हमारा मन व्याकुल हो जाता है। और संसारिक चिन्ताओ में से निकालने का प्रयास हि नहि करते।‌ यीशु मसीह ने अपने चेलों से सांत्वना देते हुए कहा, कि तुम्हारा मन व्याकुल न हो, तुम परमेश्वर पर विश्वास रखते हो मुझ पर भी विश्वास रखो। (यूहन्ना 14:1)  हमारी सारी चिन्ता उसी पर डाल देना है क्योंकि उसको हमारी ध्यान है। 


5) तुम भी धीरज धरो, और अपने ह्रदय को दृढ़ करो, क्योंकि प्रभु का आगमन निकट है।   ( याकूब 5:8 ) 




 हम बहुत बार कुछ चीजें की इच्छा रखते हैं। ओर हमें यह सब वस्तुएंँ तुरंत पूरी हो यह चाहते हैं। और हम धिरज नहीं धरते। जब हमारे जीवन यह पूरा नहीं होता हम उन्हीं चिन्ताओ में डुब जाते हैं।
  हमें हर बातों में धीरज रखना अवश्य है। 
       इन वचन में यीशु मसीह के दूसरे आगमन के बारे में भी देखते है, की उनका आना नज़दीक है। इसलिए हमे दृढ़ और विश्वास में बने रहना है। 


6) है सब परिश्रम करनेवालों और बोझ से दबे लोगों, मेरे पास आओ; मैं तुम्हें विश्राम दूंँगा।  ( मत्ती 11:28 )



लोग अलग अलग परिस्थितियों में से गुजरते है। कभी कभी पूरा दिन हम परिश्रम करते हुए थक जाते हैं। और उसका कुछ भी प्रतिफल नहीं मिलता। ओर हमारी चिन्ता बड जाती है। हमें कोई भी सहारा नहीं दिखाई देता। और हमारा परिश्रम करना हमें व्यर्थ लगने लगता है। पर हमारे लिए बहुत बड़ा वायदा परमेश्वर किया है। हमारे चिंताओं, हमारा बोझ, हमारा परिश्रम को परमेश्वर ने देखा है। यीशु हमें बुला रहा है। हम कैसे भी क्यू ना हो, लेकिन हमे वह विश्राम देना चाहता है। आमीन।


7) जब मैं शक्तिहीन हो जाऊंँगा तब यह मुझे बचाएगा। 
         - व्यवस्था विवरण 32:36 



एक दीन एक मशली पानी कमी की वजह से तैर नहि सकती थी, उसके लिए दूसरा रास्ता नहि था। लेकिन वहा एक बड़ा चमत्कार हुआ। एक पक्षी आया और उसके चच से उस मसली को पकड़ा और जहा ज्यादा पानी था वहा उसको छोड़ आया। वही पक्षी उस मशली को पकड़कर खा सकता था लेकिन ऐसे नहि किया। 
       ऐसे हि जब हम हार मान लेते है उस समय यहोवा खुद हमे बचाने के लिए आ जाता है। आमीन।


8) मेरी भेड़ें मेरा शब्द सुनती है, और मैं उन्हें जानता हूंँ। 
        ( यूहन्ना 10:27 )



हम सब परमेश्वर की भेड़ें हैं और हमें परमेश्वर के वचन के अनुसार इस संसार में जीवन जीना है। उसके आज्ञाओं को पालन करना है। जब हम ऐसे करेंगे। तब परमेश्वर के शब्द को सुनेंगे उसके पास जायेंगे और वह हमें ग्रहण करेगा।  क्योंकि वह हमें पहचान लेगा कि हम उसके बच्चे हैं। आमेन। 


परमेश्वर इन वचनों के जरिए सबको अशिक्षित करें। 


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