विश्वास को बढ़ानेवाले बाइबल वचन

Paul Mavchi
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यह वचन आपका विश्वास को बहुत बढ़ाएंगे। जरूर पढ़ें 

क्योंकि यह वचन परमेश्वर का वचन है। यह इंसान के जबान से नहीं, इंसान के दिल से नहीं। इंसान के मन से नहीं। लेकिन परमेश्वर से निकले हैं। और परमेश्वर सत्य कहता है। परमेश्वर आत्मा है। और जितने आत्मा के चलाये चलते हैं वे परमेश्वर बेटे और बेटियां कहलाते हैं। जब हम परमेश्वर के आवाज को सुनते हैं, जब हम उसके वचन को सुनते हैं, तब हमें उसके मन के बारे में पता चलता है। और परमेश्वर का मन हमारे लिए कुछ योजनाएं बनाता है। और वह योजनाएं भलाई की हैं,
हमारे अच्छे के लिए हैं। 
परमेश्वर का विचार हमारा विचार जैसा नहीं है, 
उसकी सोच हमारी जैसी सोच नहीं है। 
    तो आइए ये सात वचन आज हम मनन करते हैं। जो हमारे जीवन को बदल देंगे।



 
                         सो विश्वास सुनने से, 
            और सुनना मसीह के वचन से होता है।
                         -  रोमियों 10:17

हम क्या सुनते हैं, क्या हम दुनिया की आवाज सुनते हैं? क्या हम डर और घबराहट कि आवाज सुनते है ? क्योंकि जो कुछ हम सुनते हैं वो एक बीज के तरह हमारे मन में घर कर जाता है। और फिर उसी बीज का एक पेड़ हमारे जीवन में लगने लगता है। मगर जब हम परमेश्वर के आवाज को सुनते हैं, परमेश्वर का वचन सुनते हैं तब वचन का बीज हमारे जीवन में लग जाता है। हमारे दिल के जमीन पे वो बीज फलने लगता है। तो आज यह निश्चय कर ले कि परमेश्वर का वचन सुने। और उसी वचन को ग्रहण करें। और ऐसी बातें जो हमारे लिए फलदायक नहीं है उनको कानों से सुनके बाहर फेंक दें। उनको अपने मन के अंदर ना जाने दे।





   
  तू अपनी समझ का सहारा न लेना, वरन् सम्पूर्ण मन से यहोवा पर भरोसा रखना। उसी को स्मरण करके सब काम     करना, तब वह तेरे लिए सीधा मार्ग निकालेगा।
                         नीतिवचन 3:5-6 

अक्सर हम अपनी अक्कल का सहारा लेते हैं, और अपने लिए सब कुछ बिगाड़ के बैठ जाते हैं क्योंकि हमारी अक्कल सीमित है। हम दूर तक नहीं देख सकते, हम एक दीवार के पीछे भी नहीं देख सकते। लेकिन परमेश्वर तो सारी सृष्टि को देखता है। वह हमारे जीवन के आगे आने वाले सालों को भी देखता है। वह हमारी कमजोरियों को जानता है। वह हमारी ताकत को जानता है। उसी का मुताबित हमारे जीवन के लिए एक योजना बनाता है। लेकिन जो योजना हम बनाते हैं वह योजना हमारी अपनी होती हैं। हमारी छोटे समझ की, हमारे छोटे विचारों की, परमेश्वर की योजना हमारे विचारों से बढ़कर है। परमेश्वर जो योजनाएं हमारे लिए बनाता है खुद को भी हमारे साथ रखता है। इसलिए तो कहता है, की उसी को स्मरण करके सब काम करना। तब वह तेरे लिए सीधा मार्ग निकालेगा। क्योंकि मार्ग, सत्य और जीवन ही हमारे साथ है तो हमें मार्ग की क्या चिंता।


          

        यीशु ने उससे कहा, यदि तू विश्वास कर सकता है, 
             तो विश्वास करने वाले के लिए सब संभव है। 
                               मरकुस 9:23

    यदि तू विश्वास कर सकता है इसका मतलब यह नहीं कि तू विश्वास नहीं कर सकता। विश्वास करना तो जानता है, लेकिन करता नहीं। हमारी बहुत सी आशीषें इसीलिए हमें नहीं मिलती क्योंकि हम विश्वास करना तो जानते हैं लेकिन करते नहीं है। जैसे हमारे पास कोई चेक हो लेकिन हम उसको जमा ना कराये,जैसे हमारे पास कोई ऐसी चीज हो जो बहुत कीमती हो लेकिन हम उसे इस्तेमाल ना करें तो वो चीज हमें मिल नहीं सकतीं। इसलिए यीशु ने कहा, यदि तु विश्वास कर सकता है, यानी अगर तू इस बात का निर्णय ले सकता है या ले सकती है कि जो मैंने कहा है वह सच है तो परमेश्वर कहता है, कि यदि विश्वास कर सकता है तो विश्वास करने वाले के लिए सब संभव है।  





       सो यदि कोई मसीह में है तो वह नई सृष्टि है; 
     पुरानी बातें बीत गई है, देखो वे सब नई हो गई।
                      2 करिन्थियो 5:17 

             यह वचन हमारे लिए बहुत लाभदायक है।
जब हम मसीह में आते हैं तब हमारा पुराना स्वभाव चला जाता है। पुरानी बातें बीत जाती है, और देखो सब बातें नई हो जाती है।
इसीलिए तो कहते हैं कि, मसीह यीशु धर्म लेकर नहीं आया, कोई जाति या परंपरा नहीं लेके आया बल्कि वह जीवन लेकर आया। वह कहता है कि यदि तुम मुझे स्वीकार करते हो तुम एक नई सृष्टि बन जाते हो। तुम्हारी पुरानी चीजें सब चली जाएंगी, तुम्हारा डर, तुम्हारे फ़िक्रे, तुम्हारे चिंताएं, तुम्हारा लालच, तुम्हारा गुस्सा, तुम्हारी बुरी बातें, तुम्हारा क्रोध सब समाप्त हो जाएगा।
         यह वचन हमारा जीवन बदल देने वाले वचन हैं।





           परमेश्वर के लिए कुछ भी असंभव नहीं है। 
                               लुका 1:37
खुदा के लिए, परमेश्वर के लिए कुछ भी नामुमकिन नहीं है। कुछ भी नामुमकिन नहीं। खुदा के लिए हौसला चाहिए दुवा के लिए, अगर हम अपने परमेश्वर से बात करें और उससे कहे हे परमेश्वर तु मेरे असंभव कामों को संभव कर दे, यीशु जरूर हमारी बात सुनता  है। वह जरूर हमारी बातों पर ध्यान देता है, और वह हमारी किसी भी बात को नजरअंदाज नहीं करता है। हमें लगता है कि, परमेश्वर ने सुना नहीं मगर उसने सुना है, और वह जवाब देगा।

                    आमीन आमीन आमीन 


 परमेश्वर इन वचनों के द्वारा सबको आशिषीत करें।


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