संकट के समय यहोवा को याद कर।

Paul Mavchi
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मत डर, मैं तेरे साथ हूंँ।

क्या आपको कभी ऐसा लगता है कि परमेश्वर बहुत दूर है? या परमेश्वर मुझे भूल गया है? क्या आपको बाइबल के पदों की आवश्यकता है कि परमेश्वर आपकी परवाह कैसे करता है? हम ऐसे बहुत बातों को लेकर हमारे जीवन में परेशान हो जाते हैं लेकिन परमेश्वर का वचन हमें हिम्मत और बल देता है। परमेश्वर के वचन पर विश्वास रखना जरूरी है। 
क्योंकि परमेश्वर ही मार्ग सत्य और जीवन है।
कभी-कभी हम हमेशा महसूस करते रहते हैं या लगता है कि परमेश्वर ने हमें छोड़ दिया है, वह हमसे बहुत दूर हो गया है कि वह न हमारा दर्द देखता है और न हमारी कराहना सुनता है। 
  हमारी भावनाएं या परमेश्वर का वचन। हमारी भावनाएं वास्तविक है, हम वास्तव में उन्हें महसूस करते हैं वह मजबूत है। लेकिन हमारी भावनाएं हमेशा सत्य नहीं होती है। परमेश्वर का वचन सत्य है। चाहे हम विश्वास करें या ना करें परंतु परमेश्वर का वचन सत्य है। इसलिए जब हमें लगता है कि परमेश्वर निकट नहीं है तो हमें इन वचनों को याद रखना चाहिए हमें परमेश्वर के वचन पर विश्वास रखना चाहिए। हमें उनके वादों को याद रखना चाहिए।




क्योंकि मैं तेरा परमेश्वर यहोवा, तेरा दाहिना हाथ पकड़कर कहूंँगा, मत डर, मैं तेरी सहायता करूंँगा।
       यशायाह 41:13

हमारा परमेश्वर प्यार से भरा हुआ परमेश्वर हैं और देखो परमेश्वर केवल आपका दाहिना हाथ थामने के लिए एक स्वर्ग दूत नहीं भेजता है। लेकिन स्वर्ग और पृथ्वी का परमेश्वर व्यक्तिगत रूप से आप का दाहिना हाथ पकड़ते हैं। जब हम संकट में रहते हैं, जब हम मुसीबत में रहते हैं, हमारा परमेश्वर हमें पकड़कर वहांँ से बाहर निकलता है। परमेश्वर कहते हैं कि हमें डरने की जरूरत नहीं है क्योंकि वह व्यक्तिगत रूप से हमारी मदद करते हैं, “मैं वह हूंँ, जो आपकी मदद करता हूंँ। इसलिए हमें डरने की जरूरत नहीं है क्योंकि परमेश्वर हमारे साथ हैं और इतना ही नहीं बल्कि हमारे हर परिस्थिति में वह रहता है और हमारे साथ साथ चलते है।




          
मत डर क्योंकि मैं तेरे संग हूंँ, इधर-उधर मत ताक क्योंकि मैं तेरा परमेश्वर हूंँ; मैं तुझे दृढ़ करूंँगा और तेरी सहायता करूंँगा, अपने धर्ममय दाहिने हाथ से मैं तुझे सम्भाले रहूंँगा।
             - यशायाह 41.10

यहांँ परमेश्वर कहते हैं कि, वह व्यक्तिगत रूप से हमारे साथ रहेंगे, मजबूत करेंगे, मदद करेंगे और हमें बनाए रखेंगे। इस कारण से, कठिन समय का सामना करने या उससे गुज़रने पर हमें डरने या निराश होने की ज़रूरत नहीं है।
और एक बहुत बड़ा वायदा परमेश्वर ने हमारे साथ किया है परमेश्वर व्यक्तिगत रूप से हमारे साथ रहेंगे मदद करेंगे और हमें बनाए रखेंगे। इसलिए हम कैसे भी परिस्थितियों में से क्यों ना गुजरे या कठिन समय का सामना करने पर हमें डरने की जरूरत नहीं है क्योंकि परमेश्वर हमें डरने के लिए नहीं कहा है वह हमारे संग रहेगा वह हमारे साथ चलेगा उसके दाहिने हाथ से हमें पकड़ के वह ले चलेगा इसलिए हमें परमेश्वर के वचनों पर विश्वास रखना है और प्रार्थना करना है और कहना है, मैं निराशा में हूंँ, मुझे डर लगता है मैं अकेला महसूस कर रहा हूंँ इसलिए मुझे आपकी जरूरत है और मुझे विश्वास है कि आप मुझे ऐसी परिस्थितियों में से निकालेंगे। आमीन



    
 
 मैं तुझे बुद्धि दूंँगा और जिस मार्ग में तुझे चलना होगा उसमें तेरी               अगुवाई करूंँगा; मैं तुझ पर कृपा दृष्टि रखूंँगा, 
                       और सम्मति दिया करूंँगा।
                          भजन संहिता 32:8

बहुत बार ऐसा होता है कि जब हम अपने मार्ग में चलते हैं तब हम भटक जाते हैं और कोई रास्ता नहीं दिखाई देता और कहांँ जाना हैं यह हमें समझ नहीं आता है। लेकिन परमेश्वर हमें उसके पवित्र वचनों के द्वारा ऐसी परिस्थिति में बुद्धि देना चाहता है। और हमें कौन से मार्ग पर चलना है उसमें परमेश्वर अगुवाई करूंँगा यह कहकर हमारे साथ वायदा किया है। वचन कहता है, परमेश्वर की दृष्टिकोन उसके बच्चों के ऊपर हमेशा लगी रहती हैं। 

 


      वह चरवाहे के समान अपने झुण्ड को चराएगा, वहांँ भेड़ों के बच्चों को अँकवार में लिए रहेगा और दूध पिलानेवालियों को धीरे-धीरे ले चलेगा।
    यशायाह 40:11

यह वचन हमें ताकत और बल देता है, देखो जब हम भटक जाते हैं उस समय परमेश्वर हमें ढूंँढता है और जब (हम) उसके झुण्ड नहीं मिलते हैं तब तक वह उन्हें ढूंँढता रहता है। और जब मिल जाते है तब वह अँवकार में लेकर जाता है।
       हमारा अच्छा चरवाहा हमें अपनी बाहों में इकट्ठा करता है और हमें अपनी गोद में लेकर चलता है। यह एक सुरक्षा, निकटता और गहरी देखभाल की एक तस्वीर है, और वह हमारी अगुवाई करता है।


  


मैं तो दिन और दरिद्र हूंँ, तो भी प्रभु मेरी चिंता करता है। तू मेरा सहायक और छुड़ानेवाला है; हे मेरे परमेश्वर विलम्ब न कर।
    भजन संहिता 40.17

     कभी-कभी हम जीवन में बहुत चिंता करते हैं। कैसे जियेंगे, क्या खाएंँगे, क्या पहनेंगे ऐसी बातों में हम चिंतित होकर बोझ से डूबे रहते हैं। लेकिन परमेश्वर हमारे लिए व्यक्तिगत रूप से विचार करते हैं। आप और मैं परमेश्वर के दिमाग में है जब हम आध्यात्मिक, भावनात्मक, या शारीरिक रूप से गरीब और जरूरतमंद होते हैं। तो यह सब परमेश्वर जानता है क्योंकि वह हमारे लिए सोचता है, वह हमारा सहायक और उद्धार करता है। वचन में लिखा है, आकाश में रहनेवाले चिड़ियां ना बोते हैं ना काटते हैं, ना इकट्ठे करते हैं तो भी मैं उनको खिलाता हूंँ। तुम तो उस से बढ़कर हो क्या तुम्हें नहीं खिलाऊंगा?

मुझे आशा है कि यह बाइबल वचन आपको उतना ही प्रोत्साहित करते हैं जितना उन्होंने मुझे वर्षों से प्रोस्ताहित किया है। हां हमारा परमेश्वर अद्भुत है और वहां आपकी परवाह करता है।      आमीन

 इन वचनों के द्वारा परमेश्वर आप सबको आशिषीत करें।


            

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